मालकिन ने नौकर से बुझाई आग कमरे में
नौकर से खुद की आग को शांत करवाले वाले लोगों के किस्सों में इस एक और किस्से का शुमार होगया जब ये विडियो वजूद में आई ! लेकिन कोई भी किस्सा गो ने इस और ध्यान नही दिया क्यूँ की सबको वो चाहिए जो बिकता हो ! सच्चे आइनों का लेखा जोखा सबको रूबरू करना किसी के बस में नही या कर्यछेत्र में नही ! हर कोई ये कहकर बच जाता है की ओह्ह ये कब हुआ यार पता ही नही चला, या ओह्ह यार ये चुक होगयी वरना फलानी तोंदी में तीर मैंने ही मारा होता ! बाद में यही लोग समझ की सेवा में कार्यरत ये लम्बे लम्बे लेखों का प्रकाशन करवाते हैं जैसे इनके अलावो कोई है ही नही जो समझ के बारे में सोचता रहा हो ! न ! कुछ कास्ट मई प्रमुख रूप से इस चीज पर गौर किया जाता रहा है की वो अक्सर इन कामो में निर्लिप्त पाई जती हैं ! जो अपनी आत्मा और अपने अस्तित्व की प्ररुप्ता को स्थिर रखने में हमेशा नाकाम पायी जाती रही हैं ! ऐसा नही की उनमे सब ही ऐसे होते हैं लेकिन कुछ हैं या जो चर्चे में हैं वो तो कम से कम इनमे से ही हैं ! वो ऐसा क्यूँ नही कर पते ये उन लोगों के ही कर्य्विशय की वास्तु है जो लम्बे लम्बे लेख और भाषणों में भागिदार बनते हैं ! ऐसा क्यूँ होता है और अगर इसे रोकना है तो तो जागरूक हमें खुद होना होगा क्यूँ की हमारी तकदीर के लेखा झोहा करता हम खुद ही होते हैं ! न की वो !
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