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करीब एक साल पहले मुलाना के नजदीक स्थित साबापुर गांव में बाल विवाह निषेध स्पेशल सेल ने एक नाबालिग की दिन में शादी रुकवाई थी, लेकिन परिजनों ने रात को फेरे करा दिए। शादी होने के बाद भी पुलिस के डर से परिजन नवविवाहिता को ससुराल में नहीं लाए। कुछ दिन बाद जब मामला ठंडा पड़ा तो नाबालिग दूल्हा चुपचाप दुल्हन को अपने घर ले आया। इसी बीच, दुल्हन गर्भवती हुई तो शादी रुकवाने वाले व्यक्ति ने एसपी से शिकायत कर दी।
पंचकूला स्पेशल सेल मुख्यालय ने जांच की तो सच से पर्दा उठ गया। शुक्रवार देर रात नाबालिग दूल्हे, उसके माता-पिता और गांव फतेहपुर बेहडा जिला मोहाली निवासी दुल्हन के भी माता-पिता के खिलाफ मुलाना थाने में एक्ट 9, 10, 11 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
ऐसे खुला राज

जुलाई में शिकायतकर्ता को पता लगा कि दुल्हन ससुराल साबापुर गांव में रह रही है। उसे पता चला कि वह गर्भवती है और कुछ दिन पूर्व ही अपने मायके से गई है। इसके बाद कुरुक्षेत्र निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ने 5 जुलाई को इसकी शिकायत एसपी अभिषेक जोरवाल के पास की। उन्होंने इस मामले को पंचकूला स्पेशल सेल में भेज दिया। वहां से जब जांच की गई तो शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए सुबूत सही पाए, जिसके बाद ही जांच टीम ने मामले में केस दर्ज करने के लिए सिफारिश की।
ये है मामला
सुबह बारात विदा नहीं हुई तो गांव में चर्चाएं होने लगी। खुद को बेइज्जत होने से बचाने के लिए रात में फिर बारात निकाली गई, लेकिन इस बार गांव में भी किसी को भनक तक नहीं लगी। बरात गांव फतेहपुर बेहडा जिला मोहाली में गई और कुछ घंटे में शादी पूरी कर तड़के पांच बजे से पहले वापस आ गई। एक सामाजिक कार्यकर्ता को शादी होने की भनक लगी तो उसने शिकायत दी, जिसके बाद टीम ने मौके पर आकर मुआयना भी किया, लेकिन उन्हें साबापुर गांव में दुल्हन नहीं मिली।

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